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फ्रांस को पछाड़ छठी बड़ी इकनॉमी बनने का आखिर असली मतलब क्या है?
अभय कुमार सिंह
हाल ही में आपने अखबार, न्यूज चैनल और वेबसाइट पर ये हेडलाइन देखी होगी
फ्रांस को पीछे छोड़ भारत बना दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था....
फ्रांस को छोड़ा पीछे
India becomes sixth largest economy in the world, overtakes France
वर्ल्ड बैंक के हालिया आंकड़ों के विश्लेषण में ये बात सामने आई है. अब भारत की जीडीपी 2.59 खरब डॉलर पर पहुंच गई है और वो दुनिया में छठे स्थान पर है. फ्रांस 2.58 खरब डॉलर की जीडीपी के साथ सातवें स्थान पर है. सबसे पहले हमें ये जान लेना चाहिए कि 'बड़ी अर्थव्यवस्था' का कतई मतलब 'रईस अर्थव्यवस्था' से नहीं है. ये समझने की जरूरत है इस 'बड़ी अर्थव्यवस्था' के मायने क्या हैं.
फ्रांस की आबादी से 20 गुना ज्यादा भारत
वर्ल्ड बैंक के ही मुताबिक, जहां फ्रांस अपर इनकम ग्रुप वाले देशों की कैटेगरी में है, वहीं भारत लोअर मिडिल इनकम ग्रुप वाला देश है.
अब जीडीपी के ये मायने हैं कि फ्रांस की कुल आबादी 6 करोड़ 70 लाख है, उसकी जीडीपी है 2.58 खरब डॉलर. फ्रांस से 20 गुना ज्यादा यानी करीब 133 करोड़ की आबादी वाले भारत की जीडीपी है 2.59 खरब डॉलर.
मतलब कि फ्रांस के करीब साढ़े 6 करोड़ लोगों के पास जितना धन है, उतना ही करीब भारत के 133 करोड़ लोगों के पास है. जाहिर है प्रति व्यक्ति आय तो कम हो ही जानी है.
प्रति व्यक्ति आय में भारत कहीं पीछे
नीति आयोग के वाइस चेयरमैन राजीव कुमार कहते हैं कि हम जल्द ही यूएस, चीन, जापान और जर्मनी के बाद दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी इकनॉमी हो जाएंगे. लेकिन देश की प्रति व्यक्ति आय अब भी फ्रांस से 20 गुणा कम है.
दरअसल, दुनिया के दूसरी सबसे ज्यादा आबादी वाला देश भारत लोगों की समृद्धि के मामले में काफी पीछे है. इसे समझने के लिए आपको भारत और फ्रांस की परचेसिंग पॉवर पैरिटी (PPP) पर आधारित प्रति व्यक्ति आमदनी देखनी होगी. वर्ल्ड बैंक के हालिया आंकड़ों के मुताबिक, भारत की प्रति व्यक्ति आय 7,060 डॉलर वहीं फ्रांस की 6 गुना ज्यादा 43,720 डॉलर है. इसी मामले में दुनियाभर में भारत का स्थान 123वां है वहीं फ्रांस का 25वां है.
Q-जानकारी
परचेजिंग पावर पैरिटी से मतलब है कि किसी सामान या सर्विस को दो अलग-अलग देश में खरीदने पर कितनी समानता और कितना अंतर है. इन कीमतों में अंतर से करेंसी की कीमत तय की जाती है. आमतौर पर ये डॉलर में आंका जाता है.
परचेजिंग पावर पैरिटी से ये भी तय किया जा सकता है कि दो देशों के बीच लिविंग स्टैंडर्ड में क्या अंतर है.
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस
किसी अर्थव्यवस्था के विकास के लिए बिजनेस का अच्छा माहौल बनाना सबसे ज्यादा जरूरी है. ऐसे में वर्ल्ड बैंक दुनियाभर के देशों में बिजनेस के लिए अच्छे माहौल के कई पैरामीटर की जांच कर Ease of doing business की रैकिंग जारी करता है. इसमें भारत का 100वां स्थान है, वहीं फ्रांस का 31वां. ऐसे में अर्थव्यवस्था के आकार के मामले में फ्रांस को पीछे छोड़कर भारत को कुछ फायदा होता नहीं दिख रहा है.
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